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20:52, 10 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण

    
१-मंड़प बैठी,

सरसों गदराई

धरा सिमटी।


२-लिपटी कहीं,

महकी कहीं और,

रोया था पेड़ ।


३-झूठे वचन,

अर्चनाएं बेकार,

मन में यार।


४- नशा प्यार का,

ममत्व का हनन,

बच्चे अनाथ।


५-प्रेयसी हंसी,

गुलमोहर लाल,

पत्नी उदास ।


६-अकेलापन,

संवेदनाएं बर्फ,

तपस्या भंग |