भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आकास / मालचंद तिवाड़ी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मालचंद तिवाड़ी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:17, 30 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
थूं कठै आकास
उडार में,
कै पांख में ?
मुगत हां म्हे
कै हां, थारी कांख में,
बितरो ई तौ नीं थूं,
जितरो समावै,
म्हांरी आंख में ?