भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नीत रा फळ / निशान्त" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह=धंवर पछै सूरज / नि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:19, 30 अप्रैल 2015 के समय का अवतरण
इसै काळ में ई
बो मोड़ग्यौ
पीसा
जे बो नीं हुंवतो
रिस्तै में छोटो
म्हैं बीं रै
पगां लागतो
अचरज हुवै-
काळ में बीं कनै
कठै सूं बापरया
पीसा।