भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"सागो / निशान्त" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह=धंवर पछै सूरज / नि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:11, 4 मई 2015 के समय का अवतरण

अेक सूं
दो भलां आळी
कैवत
लागू हुवै

छोटी-छोटी
चिन्तावां अर
दुखां माथै ईज
जद अेक आवै
तो दूजो
खुदो-खुद
मांदो पड़ ज्यावै।