भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"लोकराज: अेक / निशान्त" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |अनुवादक= |संग्रह=आसोज मा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:54, 9 मई 2015 के समय का अवतरण

बै
चुनाव मांय
थिर सरकार नै
मुद्दो बणासी
मतलब
जनता नै चेतो करासी
कै देखो
म्हे
मजा मारण मांय
कितणां हुंस्यार हां ।