भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सड़क पर चलना / ओरहान वेली" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओरहान वेली |अनुवादक=सिद्धेश्वर स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:24, 30 जून 2015 के समय का अवतरण
जब भी
सड़क पर चलता हूँ मैं,
अकेले
मैंने गौर किया है
कि मुस्कुराता हूँ मैं
मैं सोचता हूँ
कि लोगों को लगता होऊँगा
मैं पागल
और मैं मुस्कुरा देता हूँ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह