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समधिन / नज़ीर अकबराबादी

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लटकती चाल मदमाता चले बिच्छू<ref>पैर की उँगली में पहना जानेवाला जेवर यानी बिछुवा</ref> को झनकाती
अदा में दिल लिये लिए जाती अजब समधिन हमारी है
भरे जोबन पै इतराती झमक अँगिया की दिखलाती
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