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"समधिन / नज़ीर अकबराबादी" के अवतरणों में अंतर

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लटकती चाल मदमाता चले बिच्छू<ref>पैर की उँगली में पहना जानेवाला जेवर यानी बिछुवा</ref> को झनकाती  
 
लटकती चाल मदमाता चले बिच्छू<ref>पैर की उँगली में पहना जानेवाला जेवर यानी बिछुवा</ref> को झनकाती  
अदा में दिल लिये जाती अजब समधिन हमारी है
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अदा में दिल लिए जाती अजब समधिन हमारी है
  
 
भरे जोबन पै इतराती झमक अँगिया की दिखलाती
 
भरे जोबन पै इतराती झमक अँगिया की दिखलाती
 
कमर लहँगे से बल खाती लटक घूँघट की भारी है   
 
कमर लहँगे से बल खाती लटक घूँघट की भारी है   
  
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19:22, 6 अगस्त 2015 के समय का अवतरण

सराप<ref>सर से पैर तक</ref> हुस्ने-समधिन गोया गुलशन की क्यारी है
परी भी अब तो बाज़ी हुस्न में समधिन से हारी है

खिंची कंघी गुँथी चोटी जमी पट्टी लगा काजल
कमाँ अब्रू<ref>भवें कमान की तरह</ref> नज़र जादू निगाह हर एक दुलारी है

जबीं<ref>ललाट</ref> महताब<ref>चाँद</ref> आँखें शोख़ शीरीं लब गोहर<ref>मोती</ref>-दन्दाँ<ref>दाँत यानी मोती की तरह दाँत</ref>
बदन मोती दहन गुंचा अदा हँसने की प्यारी है

नया किमख़्वाब का लहँगा झमकते ताश की अँगिया
कुचें तसवीर-सी जिन पर लगा गोटा किनारी है

मुलायम पेट मख़मल-सा कली-सी नाफ़की<ref>नाभि</ref> सूरत
उठा सीना सफ़ा पेडू अजब जोबन की नारी है

लटकती चाल मदमाता चले बिच्छू<ref>पैर की उँगली में पहना जानेवाला जेवर यानी बिछुवा</ref> को झनकाती
अदा में दिल लिए जाती अजब समधिन हमारी है

भरे जोबन पै इतराती झमक अँगिया की दिखलाती
कमर लहँगे से बल खाती लटक घूँघट की भारी है

शब्दार्थ
<references/>