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"सावन का झूला / नवीन सागर" के अवतरणों में अंतर

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00:00, 28 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण

सावन का झूला इस बार
इतना बड़ा डालना
जिसमें समा जाए संसार।
उस डाली पर
जो फैली है आसमान के पार
उस रस्सी का
कोई न जिसका पारावार!
एक पेंग में मंगल ग्रह के द्वार
और दूसरी में
इकदम से अंतरिक्ष के पार!