भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"किताब / विश्वदेव शर्मा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विश्वदेव शर्मा |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
07:07, 28 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण
कैसी अचरज़ भरी किताब!
इसका कोई नहीं जवाब!
कविता और कहानी हैं-
तसवीरें लासानी हैं!
भूत-प्रेत है, नानी हैं,
कितने राजा रानी हैं!
कितनी बातें छपीं यहाँ पर
इसका कोई नहीं हिसाब।
कैसी अचरज भरी किताब,
इसका कोई नहीं जवाब!