भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सरल गिलहरी / अहद प्रकाश" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अहद प्रकाश |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:24, 30 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण
नीम की छैयाँ ता-था-थैया
आई गिलहरी देखो भैया,
दौड़ रही है, नाच रही है
खेल रही है खो-खो भैया!
ऊपर आती, नीचे जाती
डाली पर झटपट चढ़ जाती,
कुतर रही है जाने क्या यह
आहट पाते ही छिप जाती!
चंचल, सुंदर, सबसे न्यारी
प्यारी-प्यारी सरल गिलहरी,
माँ को बहुत भली लगती है
सिया-राम की चपल गिलहरी!