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"समय नहीं है / अश्वघोष" के अवतरणों में अंतर

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00:38, 30 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण

नानी-नानी! कहो कहानी,
समय नहीं है, बोली नानी।
फिर मैंने पापा को परखा,
बोले-समय नहीं है बरखा।

भैया पर भी समय नहीं था,
उसका मन भी और कहीं था।
मम्मी जी भी लेटी-लेटी,
बोलीं-समय नहीं है बेटी।

मम्मी, पापा, नानी, भैया,
दिन भर करते ता-ता-थैया।
मेरी समझ नहीं आता है,
इनका समय कहाँ जाता है!