भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पिल्ला / सफ़दर हाशमी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सफ़दर हाशमी |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

06:04, 30 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण

नीतू का था पिल्ला एक,
बदन पे उसके रुएँ अनेक।
छोटी टाँगें लंबी पूँछ
भूरी दाढ़ी काली मूँछ।
मक्खी से वह लड़ता था,
खड़े-खड़े गिर पड़ता था!

-साभार: दुनिया सबकी