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अन्नू जी की छुट्टी हो गई,
मन्नू जी की छुट्टी हो गई।
बस्ते से अब कुट्टी हो गई,
मस्ती से लो मिट्ठी हो गई।
धमा-चौकड़ी धूम-धमाका,
चाट-पकौड़ी खेल-तमाशा।
कभी खिलौना, कभी पटाखा
यह है शैतानी की भाषा।