भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बेबसी / पृथ्वी पाल रैणा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पृथ्वी पाल रैणा }} {{KKCatKavita}} <poem> क्या बे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
22:08, 4 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण
क्या बेबसी है,
मुल्क का आलम
तो देखिये,
रूहों की रियासत में
जिस्मों की हुकूमत है ।