"पृथ्वी पाल रैणा / परिचय" के अवतरणों में अंतर
पंक्ति 10: | पंक्ति 10: | ||
'''रचनाएं''': | '''रचनाएं''': | ||
− | '''सम्प्रति''':पेशे से | + | '''सम्प्रति''':पेशे से सिविल इंजीनियर-प्लानर। 1969 से सरकारी सेवा का आरम्भ और 2006 में धर्मशाला से नगर योजनाकार के पद से सेवा निबृत्त। सेवा निवृत्ति के तुरंत बार नवप्रभात नामक स्वैच्छिक संस्था के सलाहकार के रूप में दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेबाऐं निःशुल्क कैम्पों के माध्यम से पहुचाने के काम में संलग्न। 2012 में रैम्पस नामक संस्था का गठन किया जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन के बिभिन्न पहलओं पर शोध करना तथा जन जागरण अभियान चला कर लोगों को भूकम्प एवं अन्य आपदाओं के सम्बंध के जानकारी उपलब्ध कराना है। पुराने घरों का पुनरुद्धार करके उन्हें सुरक्षित बनाने में भी यह संस्था निःशुल्क जानकारी उपलब्ध कराती है। इस संस्था में बरिष्ठ नागरिकों की एक सूची तैयार करने का काम चल रहा है जिसमें उनकी सभी समस्याओं का बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी जिसके आधार पर उनकी स्वास्थ्य तथा अन्य सामाजिक समस्याओ के सम्बंध में व्यापक कार्यक्रम चलाए जाने का प्रस्ताव है। इस सम्बंध में अन्य स्वैच्छिक संस्थाऐं तथा कई सक्षम वरिष्ठ नागरिक भी इनका साथ दे रहे हैं। |
रुचियाँ: लिखने का शौक छोटी उम्र से रहा हैं। एक गम्भीर पाठक होने के साथ साथ विविध लेख, लघु कहानियाँ तथा कविता लिखने में रुचि। समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में यदा कदा प्रकाशित। समय तथा धनराशि के अभाव में पुस्तक प्रकाशित करने का कोई प्रयास नहीं किया। सरकारी सेवा के खट्टे मीठे अनुभवों तथा जीवन में अनेक कारणों से आने वाली चुनौतियों ने व्यक्त्वि को गम्भीर बना दिया। साहित्य सृजन को एक संवेदनशील विषय मानते हुए अनुभव-जन्य गम्भीर तथा अर्थपूर्ण लेखन पक्षधर होन के साथ साथ आध्यात्मिकता को लेखन का आधार मान कर लिखना इन्हें अधिक रुचिकर लगता है। | रुचियाँ: लिखने का शौक छोटी उम्र से रहा हैं। एक गम्भीर पाठक होने के साथ साथ विविध लेख, लघु कहानियाँ तथा कविता लिखने में रुचि। समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में यदा कदा प्रकाशित। समय तथा धनराशि के अभाव में पुस्तक प्रकाशित करने का कोई प्रयास नहीं किया। सरकारी सेवा के खट्टे मीठे अनुभवों तथा जीवन में अनेक कारणों से आने वाली चुनौतियों ने व्यक्त्वि को गम्भीर बना दिया। साहित्य सृजन को एक संवेदनशील विषय मानते हुए अनुभव-जन्य गम्भीर तथा अर्थपूर्ण लेखन पक्षधर होन के साथ साथ आध्यात्मिकता को लेखन का आधार मान कर लिखना इन्हें अधिक रुचिकर लगता है। |
01:50, 5 अक्टूबर 2015 का अवतरण
नाम:पृथ्वी पाल रैणा
जन्म तिथि: 26 जनवरी,1949
शिक्षा:
प्रकाशन:
सम्पादन:
रचनाएं:
सम्प्रति:पेशे से सिविल इंजीनियर-प्लानर। 1969 से सरकारी सेवा का आरम्भ और 2006 में धर्मशाला से नगर योजनाकार के पद से सेवा निबृत्त। सेवा निवृत्ति के तुरंत बार नवप्रभात नामक स्वैच्छिक संस्था के सलाहकार के रूप में दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेबाऐं निःशुल्क कैम्पों के माध्यम से पहुचाने के काम में संलग्न। 2012 में रैम्पस नामक संस्था का गठन किया जिसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन के बिभिन्न पहलओं पर शोध करना तथा जन जागरण अभियान चला कर लोगों को भूकम्प एवं अन्य आपदाओं के सम्बंध के जानकारी उपलब्ध कराना है। पुराने घरों का पुनरुद्धार करके उन्हें सुरक्षित बनाने में भी यह संस्था निःशुल्क जानकारी उपलब्ध कराती है। इस संस्था में बरिष्ठ नागरिकों की एक सूची तैयार करने का काम चल रहा है जिसमें उनकी सभी समस्याओं का बारे में जानकारी एकत्रित की जाएगी जिसके आधार पर उनकी स्वास्थ्य तथा अन्य सामाजिक समस्याओ के सम्बंध में व्यापक कार्यक्रम चलाए जाने का प्रस्ताव है। इस सम्बंध में अन्य स्वैच्छिक संस्थाऐं तथा कई सक्षम वरिष्ठ नागरिक भी इनका साथ दे रहे हैं।
रुचियाँ: लिखने का शौक छोटी उम्र से रहा हैं। एक गम्भीर पाठक होने के साथ साथ विविध लेख, लघु कहानियाँ तथा कविता लिखने में रुचि। समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में यदा कदा प्रकाशित। समय तथा धनराशि के अभाव में पुस्तक प्रकाशित करने का कोई प्रयास नहीं किया। सरकारी सेवा के खट्टे मीठे अनुभवों तथा जीवन में अनेक कारणों से आने वाली चुनौतियों ने व्यक्त्वि को गम्भीर बना दिया। साहित्य सृजन को एक संवेदनशील विषय मानते हुए अनुभव-जन्य गम्भीर तथा अर्थपूर्ण लेखन पक्षधर होन के साथ साथ आध्यात्मिकता को लेखन का आधार मान कर लिखना इन्हें अधिक रुचिकर लगता है।
पता:सी-25, धौलाधार कालोनी,लोअर बड़ोल,दाड़ी-176057
ई मेल- ppalraina@gmail.com
चलवार्ता :094180 17078