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"घोड़े की लात / मंगरूराम मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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11:38, 5 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

जहाँ रोज बाँधा जाता था
चाचा जी का घोड़ा,
वहीं हमारे मामा जी का
छूट गया था कोड़ा!
मामा ने कोड़ा लेने को
ज्यों ही कमर झुकाई,
घोड़े जी ने मामा जी को
कस कर लात जमाई।