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"कसम राम की / यादराम 'रसेंद्र'" के अवतरणों में अंतर

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04:49, 6 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

दूध देखकर, आँख फाड़कर,
बोली मेरी नानी,
‘अरे दूधिए, हद है भैया,
दूध बनाा पानी।’
हाथ जोड़कर कहे दूधिया,
‘‘कसम राम की, मैया
मैंने नहीं मिलाया, पानी
अधिक पी गई गैया!’