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"गड़बड़-घोटाला / यादराम 'रसेंद्र'" के अवतरणों में अंतर

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04:49, 6 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

कविता करने बैठा टिल्लू
कागज-कलम संभाल,
बस इतना ही लिख पाया था
हम भारत के लाल।
इतने में आ चढ़ा गोद में
उसका कुत्ता काला,
लुढ़क गई दावात, हो गया
सब गड़बड़-घोटाला!