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"बरसो राम / चंद्रसेन विराट" के अवतरणों में अंतर

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18:06, 6 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

बरसो राम, धड़ाके से,
बुढ़िया मरे न फाके से!

सनन-सनन सन हवा चले,
सबके मुख पर धूल मले,
घर के दरवाजे खिड़की,
खड़कें खूब खड़ाके से!

बरसो राम, धड़ाके से,
बुढ़िया मरे न फाके से!

उमड़-उमड़कर गगन घिरो,
और मूसलाधार गिरो,
चमकाओ बिजली चम-चम,
गरजो खूब कड़ाके से!

बरसो राम, धड़ाके से,
बुढ़िया मरे न फाके से!