भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गाय / शेरजंग गर्ग" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शेरजंग गर्ग |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

01:29, 7 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

कितनी भोली, कितनी प्यारी,
सब पशुओं में न्यारी गाय,
सारा दूध हमें दे देती,
आओ इसे पिला दें चाय!