भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अशीर्षक / रामनरेश पाठक" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामनरेश पाठक |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

22:37, 7 अक्टूबर 2015 का अवतरण

कहीं से टूटने और जुड़ने के बीच
एक ठूंठ वाक्य, एक जर्जर पुल
एक चर्राता चौखटा होता है.

पड़ोसी आँख और दूर कान के बीच
एक इतिहास की छटपटाहट
एक अन्धेखे की रपट
एक टेप रिकार्डर की हलचल होती है.

वक़्त और सिलसिले के बीच
कई डाक तार घर होते हैं

जहां सभ्यता देह बदलती है
और बच्चे सवाल हल करते हैं
अगली किताबात के लिए.