भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"चिल्लर / अमिता प्रजापति" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अमिता प्रजापति |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
05:55, 16 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण
वे लड़कियों को
चिल्लर की तरह
अपनी गुल्लक में
इकट्ठा करना चाहते हैं
बंधे नोट से अटकता है
उनका खर्चा पानी
क्योंकि बंधा नोट वे
बांध कर रखना चाहते हैं
अपनी जेब में
और लड़कियां रेजगारी की ही तरह
गुल्लक फोड़कर
बढ़ जाती हैं आगे
एक बंधा नोट बनने के लिए!