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"पूरी की पूरी लड़की: तीन / हरप्रीत कौर" के अवतरणों में अंतर

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07:04, 16 अक्टूबर 2015 के समय का अवतरण

लड़की तुम नहीं थी
इसके पास
इसकी देह में उतरा था
समन्दर
उसी रोज
बर्फ़ और पानी हुआ था वह
उसने चाहा था
तुम्हारा डूबना
लड़की तुमने क्यों नहीं चाहा डूबना!