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"अंतिम सिसकारी / पारुल पुखराज" के अवतरणों में अंतर

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आवाज़
एक बियाबां है

गूँजती हूँ

अंतिम
सिसकारी-सी

जहाँ

मौन प्रेत
भखता है

शब्दों की निरीह

काया