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"जीवन की उड़ान / राग तेलंग" के अवतरणों में अंतर
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जीवन
दो मूलभूत क्षणों से मिलकर बना है
एक खुशी भरा
दूसरा दुख भरा
अब मैं
अगले दो क्षण तक जिऊंगा
पहले क्षण में
उसकी ताल पर नाचूंगा-गाऊंगा
फिर अगले पल
उदासी मुझे आगोश में ले लेगी
तीसरे ही क्षण
मैं उड़ जाऊंगा
पंखों पर
दो क्षण की स्मृतियां लिए ।