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"अफसोस ! / राग तेलंग" के अवतरणों में अंतर

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19:04, 19 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

हम जब दुनिया से जाते हैं
हमारे साथ
कोई न कोई अफसोस जरूर जाता है

यह एक अनिवार्य
मगर गैरजरूरी सामान है
जो हम जाने कबसे ढोते आ रहे हैं

हिसाब की किताब के
हम दीवानों को
समझाना भी तो मुश्किल

इतना कि
आखिरी वक्त
अगर कोई आकर हमें बताए कि
जाएं इस जहान से तो
अपने सारे पंख यहीं छोड़ जाएं
तो
इस समझाइश को मानने का सौदा भी
हम जरूर कर बैठें

अफसोस !
हम दुनिया से ऐसे जाते हैं ।