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"सामने आ बैठे अवांछित को देखकर / राग तेलंग" के अवतरणों में अंतर
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19:19, 19 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण
क्या तुम्हें पता चल रहा है ?
कोई तुम्हारी बहुत प्यारी चीज
कहीं बैठकर नष्ट कर रहा है
हो सकता है
वह ऐसा ठीक तुम्हारे सामने बैठकर भी कर रहा हो
क्या तुम्हें पता चल रहा है ?
यह चीज संभव है
तुम्हारे हिस्से का जरूरी समय भी हो
जिसके नष्ट हो जाने से पहले
तुम अपनी चाही हुई कई प्यारी चीजें तामीर कर सकते थे
या फिर किसी सबसे प्यारे लगने वाले इंसान से
अपना दुःख बांटकर हल्के हो सकते थे
या फिर इसी वक्त के दरम्यान कोई आता और
तुम्हारे सिर पर हाथ रखकर चला जाता
और फिर वह जादू हो ही जाता
या ऐसा ही कुछ भी और कुछ
क्या तुम्हें पता चल पा रहा है
यह पढ़ते हुए कि
तुम्हें अपनी हर प्यारी चीज को बचाना है तो
क्या करना चाहिए ?