भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कल / राग तेलंग" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राग तेलंग |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem>जब का...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

20:31, 19 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

जब
कागज़ नहीं था

लिखा करते थे
अपनी आवाज़
पेड़ों के
पत्तों पर

आज
हर पन्ने में से
कटे जंगलों की
चीख सुनाई देती हैं .