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"दरिया पार न करना / कमलेश द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
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तुम सबसे इजहार न करना.
रिश्तों को अखबार न करना.
माना प्यार है दिल की दौलत,
पर इससे व्यापार न करना.
कर्जे-इश्क चुकाना पूरा,
इसमें कोई उधार न करना.
लेना राय भले ही सबकी,
काम उनके अनुसार न करना.
अपनी ही उँगली कट जाये,
चाकू पर यों धार न करना.
सैलाबों से डर लगता हो,
तो फिर दरिया पार न करना.