भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मुझको दुआओं में रखना / कमलेश द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कमलेश द्विवेदी |अनुवादक= |संग्रह= }...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

01:06, 25 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

किसी को भी अपनी निगाहों में रखना.
मगर याद मुझको दुआओं में रखना.

मुहब्बत का मतलब यही है अभी भी,
दिये को जलाकर हवाओं में रखना.

बरसना कहीं भी ओ बादल मगर जल,
ज़रा मेरी खातिर घटाओं में रखना.

बताओ कहाँ से ये सीखा है तुमने,
लुभाने का जादू अदाओं में रखना.

रिहाई कभी भी न हो पाये जिनसे,
मुझे प्यार की उन दफ़ाओं में रखना.