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"कहानी बदल दे / कमलेश द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर

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09:26, 25 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण

वो चाहे तो पूरी कहानी बदल दे.
बुढ़ापा बदल दे जवानी बदल दे.

वो कह दे तो सूरज छिपे बादलों में,
वो कह दे तो दरिया रवानी बदल दे.

कभी दे ज़मीं आसमां दे कभी वो,
वो जब चाहे तब जिंदगानी बदल दे.

नदी खारी कर दे वो सागर को मीठा,
वो जिसकी भी चाहे निशानी बदल दे.

हमेशा नहीं कुछ भी रहता किसी का,
वो राजा बदल दे वो रानी बदल दे.