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"प्यार करे है / कमलेश द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
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छुप-छुप कर दीदार करे है.
क्या वो मुझसे प्यार करे है.
आँखों से तो लगता-चाहे,
होटों से इनकार करे है.
शर्मो-हया की लक्ष्मण-रेखा,
वो न कभी भी पार करे है.
हर वादा पूरा करने का,
वादा वो हर बार करे है.
सच बोले या झूठ कहे वो,
दिल उस पर एतबार करे है.
दिल नुकसान-नफ़ा क्या जाने,
दिल क्या कारोबार करे है.