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"शरद के बादल / पंकज सिंह" के अवतरणों में अंतर
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फिर सताने आ गए हैं | फिर सताने आ गए हैं | ||
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शरद के बादल | शरद के बादल | ||
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धूप हल्की-सी बनी है स्वप्न | धूप हल्की-सी बनी है स्वप्न | ||
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क्यों भला ये आ गए हैं | क्यों भला ये आ गए हैं | ||
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यों सताने | यों सताने | ||
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शरद के बादल | शरद के बादल | ||
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धैर्य धरती का परखने | धैर्य धरती का परखने | ||
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और सूखी हड्डियों में कंप भरने | और सूखी हड्डियों में कंप भरने | ||
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हवाओं की तेज़ छुरियाँ लपलपाते | हवाओं की तेज़ छुरियाँ लपलपाते | ||
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आ गए हैं | आ गए हैं | ||
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(रचनाकाल : 1966) | (रचनाकाल : 1966) | ||
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17:07, 27 दिसम्बर 2015 के समय का अवतरण
फिर सताने आ गए हैं
शरद के बादल
धूप हल्की-सी बनी है स्वप्न
क्यों भला ये आ गए हैं
यों सताने
शरद के बादल
धैर्य धरती का परखने
और सूखी हड्डियों में कंप भरने
हवाओं की तेज़ छुरियाँ लपलपाते
आ गए हैं
शरद के बादल
(रचनाकाल : 1966)