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"हर गली कूचे में रोने की सदा मेरी है / फ़रहत एहसास" के अवतरणों में अंतर
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ये जो तनहाई बरसती है सज़ा है मेरी है | ये जो तनहाई बरसती है सज़ा है मेरी है | ||
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बाग़ तेरा है मगर बाद-ए-सबा मेरी है | बाग़ तेरा है मगर बाद-ए-सबा मेरी है | ||
11:06, 3 जनवरी 2016 के समय का अवतरण
हर गली कूचे में रोने की सदा मेरी है
शहर में जो भी हुआ है वो ख़ता मेरी है
ये जो है ख़ाक का इक ढेर बदन है मेरा
वो जो उड़ती हुई फिरती है क़बा मेरी है
वो जो इक शोर सा बरपा है अमल है मेरा
ये जो तनहाई बरसती है सज़ा है मेरी है
मैं न चाहूँ तो न खिल पाए कहीं एक भी फूल
बाग़ तेरा है मगर बाद-ए-सबा मेरी है
एक टूटी हुई कश्ती सा बन बैठा हूँ
न ये मिट्टी न ये पानी न हवा मेरी है