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"मछरि मराव / प्रेमघन" के अवतरणों में अंतर

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12:02, 30 जनवरी 2016 का अवतरण

नीच जाति के बालक खेतन मैं पहरा धरि।
मारत मछरी सहरी अरु सौरी गगरिन भरि॥
युव जन छीका और जाल लीने दल के दल।
मत्स मारिबे चलत नदी तट अति गति चंचल॥
पौला सब के पगन सीस घोघी कै छतरी।
लेकर लाठी चलैं मेंड़ बाटैं सब पतरी॥