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श्री महालक्ष्मी अष्टकम

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नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते !
संख शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
नमस्तेतु गरुड़ आरुडे कोला सुरभायांकरी गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी !
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
सर्वग्ये सर्ववार्दे सर्वादुस्ताभायांकरी सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी !
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रयादायानी प्रदायनी !
मंत्र मुरते मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
आद्यांराहिते आध्यंतरहीते देवी आद्या आद्य शक्ति महेश्वरी!
योग्जे योग्संभुते योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
स्थूल सुक्षम सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदारेमहोदरे !
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
पद्मासंस्तिथे पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी!
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !!
श्वेताम्भारे श्वेताम्भर धरे देवी नानालान्कार भुसिते नानालन्कार भुषिते !
जगात्स्तिथे जगंमात्महलाक्ष्मी जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!
महा लक्ष्मी अस्ताकम महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य : पठेथ भक्तिमान्नारपठेत भक्तिमान्नर:!
सर्वसिद्धिम्वाप्नोती राज्य मानोती सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा !!
एक कालम पठेनित्यम महापापविनाषम महापापविनाशनम !
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !!
त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम !
महालक्ष्मी भावेनित्यम प्रशंन्ना वरदा सुभमभवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम !!
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