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"व्यंग्य / विष्णु नागर" के अवतरणों में अंतर

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मैंने उन पर व्यंग्य लिखा<br>
 
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वही उनका सबसे अच्छा विज्ञापन निकला<br>
 
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वही मेरी सबसे कमाऊ रचना निकली<br>
 
वही मेरी सबसे कमाऊ रचना निकली<br>
 
वही हिन्दी साहित्य मं समादृत भी हुई।
 
वही हिन्दी साहित्य मं समादृत भी हुई।

19:52, 4 जून 2008 के समय का अवतरण

मैंने उन पर व्यंग्य लिखा
वही उनका सबसे अच्छा विज्ञापन निकला
वही मेरी सबसे कमाऊ रचना निकली
वही हिन्दी साहित्य मं समादृत भी हुई।