भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"यह न सोचो कल क्या हो / मीना कुमारी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: यह न सोचो कल क्या हो कौन कहे इस पल क्या हो रोओ मत, न रोने दो ऐसी भी जल-थल क्य...)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{KKGlobal}}
 +
{{KKRachna
 +
|रचनाकार=मीना कुमारी
 +
}}
 +
 
यह न सोचो कल क्या हो
 
यह न सोचो कल क्या हो
 
कौन कहे इस पल क्या हो
 
कौन कहे इस पल क्या हो

20:55, 28 फ़रवरी 2008 का अवतरण

यह न सोचो कल क्या हो कौन कहे इस पल क्या हो

रोओ मत, न रोने दो ऐसी भी जल-थल क्या हो

बहती नदी की बांधे बांध चुल्लू मे हलचल क्या हो

हर छन हो जब आस बना हर छन फ़िर निर्बल क्या हो

रात ही गर चुपचाप मिले सुबह फ़िर चंचल क्या हो

आज ही आज की कहें-सुने क्यो सोचे कल, कल क्या हो