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"दूषित होतीं ताज़ा साँसे / प्रेमनन्दन" के अवतरणों में अंतर

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11:52, 24 जून 2016 के समय का अवतरण

अभी -अभी किशोर हुईं
मेरे गाँव की ताज़ा साँसें
हो रही हैं दूषित
सूरत, मुम्बई, लुधियाना...में !

लौट रही हैं वे
लथपथ,
दूषित-दुर्गन्धित !

उनके सम्पर्क से
दूषित हो रही हैं
साफ़, ताज़ा हवाएँ
मेरे गाँव की !