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"कृष्ण सुदामा चरित्र / शिवदीन राम जोशी / पृष्ठ 4" के अवतरणों में अंतर

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             माँगुगा द्रव्य वहाँ जाके |
 
             माँगुगा द्रव्य वहाँ जाके |
  
 
     
 
अंग व अंग  मिलाकर  नैनन, नैनन  से  प्रभु  नीर  बहाये।
 
नेह निबाहन हार प्रभो  अति  स्नेह  सुधामय  बोल  सुनाये।
 
 
प्रभु  मिले  गले से गला लगा,
 
            चरणोदक लीनो धो-धोकर |
 
बोले प्रेम भरी वाणी,
 
          पूछि हरि बतियाँ रो-रोकर |
 
निज आसन पे बैठा करके,
 
          सब सामग्री कर में लीनी |
 
चित्त प्रसन्नता से कृष्णचन्द्र,
 
            विविध भांति पूजा कीनी |
 
बोले न मिले अब तक न सखा,
 
        तुम रहे कहाँ सुध भूल गये |
 
आनन्द से क्षेम कुशल पूछी,
 
          प्रभु प्रेम हिंडोले झूल गये |
 
रुक्मणि स्वयं सखियाँ मिलकर,
 
        सब प्रेम से पूजन करती थी |
 
स्नान करने को उनको,
 
          निज हाथों पानी भरती थी |
 
   
 
 
       
 
 
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21:23, 24 जून 2016 के समय का अवतरण


केते ही प्रवीण फँसे माया के दल-दल में ,
                  ऐसा है विचित्र जाल भेद हूँ न पता है |
स्त्री और बाल बच्चे धाम धान संवार राखे ,
             एते नष्ट होते कष्ट दिल में उठता है |
ऐसी यह माया, तासे बिगर जात काया,
                  लाखों भरमाया ऐसा झूंठ व्यर्थ नाता है |
कहता सुदामा प्रिय राम-कृष्ण राम भजो,
           आनन्द ले सच्चा विप्र जो गोविन्द गुण गाता है |

अपना ना कोई प्रिया सुन री दे ध्यान चित्त,
                 संसार ये असार तामे झूठा ही नाता है |
स्वार्थ के मीत देख ना माने , कर प्रीत देख,
                  ऐसे सब मात-तात जात व्यर्थ भ्राता है |
सुत और दारा देख प्यारा से भी प्यारा देख,
                सारा ही पसारा देख द्वन्द सा दिखता है |
कहता सुदामा तन धन अरु धाम झूठा ,
               सच्चा तो वाही विप्र गोविन्द गुण गाता है |

बेर-बेर समझाव हूँ, आवत नहीं यकीन |
माया में फँस-फँस मरे , केते चतुर प्रवीण ||

है खान अवगुणों की माया,
        हरि सुमरिण को भुलवाती है,
कहती है लाने को उसको,
            घर बैठे व्याधि लगाती है |
माया वाले अंधे होकर,
       नहीं सुमरिन जाप किया करते,
सत्कर्मों से रह दूर सदा,
          मन माना पाप किया करते |
ऐ प्रिया इसी से बिता रहा,
        यह समय प्रभु गुण गा-गा के,
अब हँसी बुढ़ापे में होगी,
             माँगुगा द्रव्य वहाँ जाके |