"काठमांडू मैं गया कलकत्ता मैं घूमा / शहंशाह आलम" के अवतरणों में अंतर
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सबसे अनूठा प्रेम मैंने किया | सबसे अनूठा प्रेम मैंने किया | ||
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सबसे अनोखी इच्छा मैंने की | सबसे अनोखी इच्छा मैंने की | ||
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भय को मैंने भगाया | भय को मैंने भगाया | ||
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शत्रुओं को चेतावनी मैंने दी | शत्रुओं को चेतावनी मैंने दी | ||
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गहरे मौन को स्वर मैंने दिया | गहरे मौन को स्वर मैंने दिया | ||
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तोतों को मैंने पुकारा | तोतों को मैंने पुकारा | ||
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अदृश्य को दृश्य मैंने किया | अदृश्य को दृश्य मैंने किया | ||
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सबसे सुंदर कविता | सबसे सुंदर कविता | ||
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सबसे सुंदर कोलाज | सबसे सुंदर कोलाज | ||
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सबसे सुंदर शरीर | सबसे सुंदर शरीर | ||
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सबसे सुंदर चाकू | सबसे सुंदर चाकू | ||
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सबसे सुंदर जादू | सबसे सुंदर जादू | ||
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मैंने ही तुम्हें दिया | मैंने ही तुम्हें दिया | ||
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इतिहास की सबसे बड़ी क्रांति मैंने की | इतिहास की सबसे बड़ी क्रांति मैंने की | ||
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दर्शकों के बीच सबसे बढ़िया अभिनय मैंने किया | दर्शकों के बीच सबसे बढ़िया अभिनय मैंने किया | ||
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चुम्बन के निशान मैंने छोडे | चुम्बन के निशान मैंने छोडे | ||
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मृत्यु को जीवन में मैंने बदला | मृत्यु को जीवन में मैंने बदला | ||
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काठमांडू मैं गया | काठमांडू मैं गया | ||
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कलकत्ता मैं घूमा | कलकत्ता मैं घूमा | ||
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तुम्हारी हठ में मैं रहा | तुम्हारी हठ में मैं रहा | ||
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भोर के नभ में मैं रहा | भोर के नभ में मैं रहा | ||
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नीले उस शंख में मैं रहा | नीले उस शंख में मैं रहा | ||
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तुम्हारे प्रेमारम्भ में | तुम्हारे प्रेमारम्भ में | ||
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तुम्हारी स्मृतियों में | तुम्हारी स्मृतियों में | ||
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तुम्हारे शब्दों वाक्यों छंदों में | तुम्हारे शब्दों वाक्यों छंदों में | ||
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तुम्हारे देवताओं में मैं रहा | तुम्हारे देवताओं में मैं रहा | ||
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नदियों झीलों में | नदियों झीलों में | ||
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फुटपाथ चायखानों में | फुटपाथ चायखानों में | ||
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स्त्रियों के गीतों में | स्त्रियों के गीतों में | ||
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मैं ही दिखा | मैं ही दिखा |
02:22, 12 मार्च 2008 के समय का अवतरण
सबसे अनूठा प्रेम मैंने किया
सबसे अनोखी इच्छा मैंने की
भय को मैंने भगाया
शत्रुओं को चेतावनी मैंने दी
गहरे मौन को स्वर मैंने दिया
तोतों को मैंने पुकारा
अदृश्य को दृश्य मैंने किया
सबसे सुंदर कविता
सबसे सुंदर कोलाज
सबसे सुंदर शरीर
सबसे सुंदर चाकू
सबसे सुंदर जादू
मैंने ही तुम्हें दिया
इतिहास की सबसे बड़ी क्रांति मैंने की
दर्शकों के बीच सबसे बढ़िया अभिनय मैंने किया
चुम्बन के निशान मैंने छोडे
मृत्यु को जीवन में मैंने बदला
काठमांडू मैं गया
कलकत्ता मैं घूमा
तुम्हारी हठ में मैं रहा
भोर के नभ में मैं रहा
नीले उस शंख में मैं रहा
तुम्हारे प्रेमारम्भ में
तुम्हारी स्मृतियों में
तुम्हारे शब्दों वाक्यों छंदों में
तुम्हारे देवताओं में मैं रहा
नदियों झीलों में
फुटपाथ चायखानों में
स्त्रियों के गीतों में
मैं ही दिखा