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"तुम हो / बोधिसत्व" के अवतरणों में अंतर

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पुल से होकर बहने वाली नदी
अनगिनत पैर गुजर चुके हैं<br>
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बार-बार कहे
 
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तुम हो
तुम जब गुजरो<br>
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तुम हो।
तुम्हारे पैरों के निशान<br>
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पुल के न होने पर भी, हों<br>
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पुल से होकर बहने वाली नदी<br>
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बार-बार कहे<br>
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तुम हो<br>
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तुम हो।<br>
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06:57, 25 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

पुल के ऊपर से
अनगिनत पैर गुजर चुके हैं

तुम जब गुजरो
तुम्हारे पैरों के निशान
पुल के न होने पर भी, हों

पुल से होकर बहने वाली नदी
बार-बार कहे
तुम हो
तुम हो।