"जाँच-पड़ताल / महमूद दरवेश" के अवतरणों में अंतर
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मैं एक अरब हूँ | मैं एक अरब हूँ | ||
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आठ बच्चों का बाप हूँ | आठ बच्चों का बाप हूँ | ||
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नौवाँ अगली गर्मियों में आएगा | नौवाँ अगली गर्मियों में आएगा | ||
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क्या तुम नाराज़ हो? | क्या तुम नाराज़ हो? | ||
− | + | लिखो — | |
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एक अरब हूँ मैं | एक अरब हूँ मैं | ||
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− | पत्थर तोड़ता | + | |
− | + | ||
अपने साथी मज़दूरों के साथ | अपने साथी मज़दूरों के साथ | ||
− | |||
हाँ, मैं तोड़ता हूँ पत्थर | हाँ, मैं तोड़ता हूँ पत्थर | ||
− | |||
अपने बच्चों को देने के लिए | अपने बच्चों को देने के लिए | ||
− | |||
एक टुकड़ा रोटी | एक टुकड़ा रोटी | ||
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और एक क़िताब | और एक क़िताब | ||
अपने आठ बच्चों के लिए | अपने आठ बच्चों के लिए | ||
− | + | मैं तुमसे भीख नहीं माँगता | |
− | मैं तुमसे भीख नहीं | + | |
− | + | ||
घिघियाता-रिरियाता नहीं तुम्हारे सामने | घिघियाता-रिरियाता नहीं तुम्हारे सामने | ||
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तुम नाराज़ हो क्या? | तुम नाराज़ हो क्या? | ||
− | + | लिखो — | |
− | लिखो | + | |
− | + | ||
अरब हूँ मैं एक | अरब हूँ मैं एक | ||
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उपाधि-रहित एक नाम | उपाधि-रहित एक नाम | ||
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इस उन्मत्त विश्व में अटल हूँ | इस उन्मत्त विश्व में अटल हूँ | ||
मेरी जड़ें गहरी हैं | मेरी जड़ें गहरी हैं | ||
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युगों के पार | युगों के पार | ||
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समय के पार तक | समय के पार तक | ||
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मैं धरती का पुत्र हूँ | मैं धरती का पुत्र हूँ | ||
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विनीत किसानों में से एक | विनीत किसानों में से एक | ||
− | + | सरकण्डे और मिट्टी के बने | |
− | + | झोंपड़े में रहता हूँ | |
− | + | बाल — काले हैं | |
− | झोंपड़े में | + | आँखे — भूरी |
− | + | ||
− | बाल | + | |
− | + | ||
− | आँखे | + | |
− | + | ||
मेरी अरबी पगड़ी | मेरी अरबी पगड़ी | ||
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जिसमें हाथ डालकर खुजलाता हूँ | जिसमें हाथ डालकर खुजलाता हूँ | ||
− | |||
पसन्द करता हूँ | पसन्द करता हूँ | ||
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सिर पर लगाना चूल्लू भर तेल | सिर पर लगाना चूल्लू भर तेल | ||
− | |||
इन सब बातों के ऊपर | इन सब बातों के ऊपर | ||
− | + | कृपा करके यह भी लिखो — | |
− | कृपा करके यह भी लिखो | + | |
− | + | ||
मैं किसी से घृणा नहीं करता | मैं किसी से घृणा नहीं करता | ||
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लूटता नहीं किसी को | लूटता नहीं किसी को | ||
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लेकिन जब भूखा होता हूँ मैं | लेकिन जब भूखा होता हूँ मैं | ||
− | |||
खाना चाहता हूँ गोश्त अपने लुटेरों का | खाना चाहता हूँ गोश्त अपने लुटेरों का | ||
सावधान | सावधान | ||
− | |||
सावधान मेरी भूख से | सावधान मेरी भूख से | ||
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सावधान | सावधान | ||
+ | मेरे क्रोध से सावधान | ||
− | + | '''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | |
+ | </poem> |
02:58, 5 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
लिखो —
मैं एक अरब हूँ
कार्ड नम्बर — पचास हज़ार
आठ बच्चों का बाप हूँ
नौवाँ अगली गर्मियों में आएगा
क्या तुम नाराज़ हो?
लिखो —
एक अरब हूँ मैं
पत्थर तोड़ता हूँ
अपने साथी मज़दूरों के साथ
हाँ, मैं तोड़ता हूँ पत्थर
अपने बच्चों को देने के लिए
एक टुकड़ा रोटी
और एक क़िताब
अपने आठ बच्चों के लिए
मैं तुमसे भीख नहीं माँगता
घिघियाता-रिरियाता नहीं तुम्हारे सामने
तुम नाराज़ हो क्या?
लिखो —
अरब हूँ मैं एक
उपाधि-रहित एक नाम
इस उन्मत्त विश्व में अटल हूँ
मेरी जड़ें गहरी हैं
युगों के पार
समय के पार तक
मैं धरती का पुत्र हूँ
विनीत किसानों में से एक
सरकण्डे और मिट्टी के बने
झोंपड़े में रहता हूँ
बाल — काले हैं
आँखे — भूरी
मेरी अरबी पगड़ी
जिसमें हाथ डालकर खुजलाता हूँ
पसन्द करता हूँ
सिर पर लगाना चूल्लू भर तेल
इन सब बातों के ऊपर
कृपा करके यह भी लिखो —
मैं किसी से घृणा नहीं करता
लूटता नहीं किसी को
लेकिन जब भूखा होता हूँ मैं
खाना चाहता हूँ गोश्त अपने लुटेरों का
सावधान
सावधान मेरी भूख से
सावधान
मेरे क्रोध से सावधान
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय