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"चुनौती / महमूद दरवेश" के अवतरणों में अंतर

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तुम मुझे चारों तरफ़ से बांध दो
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छीन लो मेरी पुस्तकें और चुरूट
 
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मेरा मुँह धूल से भर दो
 
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कविता मेरे धड़कते हृदय का रक्त है
 
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मेरी रोटी का खारापन
 
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मेरी आँखों का तरलता
 
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यह लिखी जाएगी नाख़ूनों से
 
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आँखॊं के कोटरों से, छुरों से
 
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मैं इसे गाऊँगा
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अपनी क़ैद-कोठरी में, स्नानघर में
 
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अस्तबल में, चाबुक के नीचे
 
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हथकड़ियों के बीच, ज़ंजीरों में फँसा हुआ
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लाखों बुलबुलें मेरे भीतर हैं
 
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मैं गाऊँगा
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गाऊँगा मैं
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अपने संघर्ष के गीत
  
मैं गाऊंगा
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'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय'''
 
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गाऊंगा मैं
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अपने संघर्ष के गीत
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03:11, 5 अगस्त 2016 के समय का अवतरण

तुम मुझे चारों तरफ़ से बाँध दो
छीन लो मेरी पुस्तकें और चुरूट
मेरा मुँह धूल से भर दो
कविता मेरे धड़कते हृदय का रक्त है
मेरी रोटी का खारापन
मेरी आँखों का तरलता

यह लिखी जाएगी नाख़ूनों से
आँखॊं के कोटरों से, छुरों से
मैं इसे गाऊँगा
अपनी क़ैद-कोठरी में, स्नानघर में
अस्तबल में, चाबुक के नीचे
हथकड़ियों के बीच, ज़ंजीरों में फँसा हुआ

लाखों बुलबुलें मेरे भीतर हैं
मैं गाऊँगा
गाऊँगा मैं
अपने संघर्ष के गीत

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय