"फिर अम्न के पैकर की फिज़ा क्यों नहीं आती / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर
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− | फिर अम्न के पैकर की | + | फिर अम्न के पैकर की फ़ज़ा क्यों नहीं आती |
− | इन | + | इन फ़िरक़ा-परस्तों को कज़ा क्यों नहीं आती |
− | गोशे में | + | गोशे में कहीं दिल के खनकती तो है चूड़ी |
कानों में खनकने की सदा क्यों नहीं आती | कानों में खनकने की सदा क्यों नहीं आती | ||
− | साक़ी तू | + | साक़ी तू पिलाता है सदा जाम से मुझको |
− | + | आँखों से पिलाने की अदा क्यों नहीं आती | |
− | तुझको मेरी बेलौस मोहब्बत की क़सम है | + | तुझको मेरी बेलौस मोहब्बत की क़सम है |
आती हूँ अभी कहके, बता क्यों नहीं आती | आती हूँ अभी कहके, बता क्यों नहीं आती | ||
− | जब तुझको नहीं रस्मे मोहब्बत को निभाना | + | जब तुझको नहीं रस्मे मोहब्बत को निभाना |
यादों के ख़ुतूत उसके जला क्यों नहीं आती | यादों के ख़ुतूत उसके जला क्यों नहीं आती | ||
− | यूँ | + | यूँ शीशए-दिल तोड़ के जाता नहीं कोई |
करनी पे उसे अपनी हया क्यों नहीं आती | करनी पे उसे अपनी हया क्यों नहीं आती | ||
− | पूछूँगा मैं | + | पूछूँगा मैं लुक़मान से ये रोज़े-क़यामत |
− | + | कैसा है मरज़ इश्क़, दवा क्यों नहीं आती | |
क्यों छोड़ दिया साथ मेरे जिस्म का तू ने | क्यों छोड़ दिया साथ मेरे जिस्म का तू ने | ||
− | ऐ रूह तुझे, मुझपे | + | ऐ रूह तुझे, मुझपे दया क्यों नहीं आती |
जीवन में 'रक़ीब' अपने हैं जब चार अनासिर | जीवन में 'रक़ीब' अपने हैं जब चार अनासिर | ||
− | "यारो मेरे हिस्से में | + | "यारो मेरे हिस्से में हवा क्यों नहीं आती" |
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04:18, 6 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
फिर अम्न के पैकर की फ़ज़ा क्यों नहीं आती
इन फ़िरक़ा-परस्तों को कज़ा क्यों नहीं आती
गोशे में कहीं दिल के खनकती तो है चूड़ी
कानों में खनकने की सदा क्यों नहीं आती
साक़ी तू पिलाता है सदा जाम से मुझको
आँखों से पिलाने की अदा क्यों नहीं आती
तुझको मेरी बेलौस मोहब्बत की क़सम है
आती हूँ अभी कहके, बता क्यों नहीं आती
जब तुझको नहीं रस्मे मोहब्बत को निभाना
यादों के ख़ुतूत उसके जला क्यों नहीं आती
यूँ शीशए-दिल तोड़ के जाता नहीं कोई
करनी पे उसे अपनी हया क्यों नहीं आती
पूछूँगा मैं लुक़मान से ये रोज़े-क़यामत
कैसा है मरज़ इश्क़, दवा क्यों नहीं आती
क्यों छोड़ दिया साथ मेरे जिस्म का तू ने
ऐ रूह तुझे, मुझपे दया क्यों नहीं आती
जीवन में 'रक़ीब' अपने हैं जब चार अनासिर
"यारो मेरे हिस्से में हवा क्यों नहीं आती"