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"जी में आया है, मुझे आज वो, कर जाने दे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर
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जी में आया है, मुझे आज वो, कर जाने दे | जी में आया है, मुझे आज वो, कर जाने दे | ||
अपनी ज़ुल्फ़ें मेरे शानों पे बिख़र जाने दे | अपनी ज़ुल्फ़ें मेरे शानों पे बिख़र जाने दे | ||
− | + | ले के जा बादे-सबा जिस्म की ख़ुशबू मेरी | |
मुझसे पहले मेरे आने की ख़बर जाने दे | मुझसे पहले मेरे आने की ख़बर जाने दे | ||
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हुस्न कलियों का ज़रा और निखर जाने दे | हुस्न कलियों का ज़रा और निखर जाने दे | ||
− | + | दो घड़ी और ठहर, देख लूँ चेहरा तेरा | |
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− | दो घड़ी और ठहर, देख लूँ | + | |
अक्स आँखों से, मेरे दिल में उतर जाने दे | अक्स आँखों से, मेरे दिल में उतर जाने दे | ||
− | + | तेरी आगोश में, मैं ख़ुद ही चला आऊँगा | |
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आज, अरमानों की कश्ती को, 'भंवर' जाने दे | आज, अरमानों की कश्ती को, 'भंवर' जाने दे | ||
− | तुझ से मैं रह के जुदा, ज़िन्दगी कैसे कर लूँ | + | तुझ से मैं रह के जुदा, ज़िन्दगी कैसे कर लूँ |
जान भी, जिस्म से, ऐ जाने जिगर, जाने दे | जान भी, जिस्म से, ऐ जाने जिगर, जाने दे | ||
− | रूठे दिलबर को यक़ीनन ही | + | रूठे दिलबर को यक़ीनन ही मनाएगा 'रक़ीब' |
− | + | बस ज़रा उसके मुक़द्दर को संवर जाने दे | |
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00:24, 7 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
जी में आया है, मुझे आज वो, कर जाने दे
अपनी ज़ुल्फ़ें मेरे शानों पे बिख़र जाने दे
ले के जा बादे-सबा जिस्म की ख़ुशबू मेरी
मुझसे पहले मेरे आने की ख़बर जाने दे
शाख से कर न जुदा सब्र भी कर ऐ गुलचीं
हुस्न कलियों का ज़रा और निखर जाने दे
दो घड़ी और ठहर, देख लूँ चेहरा तेरा
अक्स आँखों से, मेरे दिल में उतर जाने दे
तेरी आगोश में, मैं ख़ुद ही चला आऊँगा
आज, अरमानों की कश्ती को, 'भंवर' जाने दे
तुझ से मैं रह के जुदा, ज़िन्दगी कैसे कर लूँ
जान भी, जिस्म से, ऐ जाने जिगर, जाने दे
रूठे दिलबर को यक़ीनन ही मनाएगा 'रक़ीब'
बस ज़रा उसके मुक़द्दर को संवर जाने दे