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"जिस्मे खाक़ी में क्या बला है वो / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'" के अवतरणों में अंतर
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− | जिस्मे | + | जिस्मे ख़ाकी में क्या बला है वो |
है कोई चीज़ या हवा है वो | है कोई चीज़ या हवा है वो | ||
− | + | ख़ुद को तुम मेरी कायनात कहो | |
− | + | दिल को जो छूले ऐसी बात कहो | |
− | + | आज मौसम की पहली बारिश में | |
− | + | तन्हा कैसे कटेगी रात कहो | |
− | + | पास बैठो कभी तो पहलू में | |
− | + | कुछ हमारी कुछ अपनी बात कहो | |
− | + | आज वो बेनक़ाब निकले हैं | |
− | + | आज की रात चाँद रात कहो | |
− | दिल | + | हो गया होगा रो के दिल हल्का |
− | + | ग़म से क्या मिल गयी नजात कहो | |
− | + | ज़िन्दगी में कहाँ सुकूने-दिल | |
− | + | मौत को राहते-हयात कहो | |
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+ | ख़ाक हासिद हुआ है जल के 'रक़ीब' | ||
+ | किसने खाई है किससे मात कहो | ||
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04:14, 7 अगस्त 2016 के समय का अवतरण
जिस्मे ख़ाकी में क्या बला है वो
है कोई चीज़ या हवा है वो
ख़ुद को तुम मेरी कायनात कहो
दिल को जो छूले ऐसी बात कहो
आज मौसम की पहली बारिश में
तन्हा कैसे कटेगी रात कहो
पास बैठो कभी तो पहलू में
कुछ हमारी कुछ अपनी बात कहो
आज वो बेनक़ाब निकले हैं
आज की रात चाँद रात कहो
हो गया होगा रो के दिल हल्का
ग़म से क्या मिल गयी नजात कहो
ज़िन्दगी में कहाँ सुकूने-दिल
मौत को राहते-हयात कहो
ख़ाक हासिद हुआ है जल के 'रक़ीब'
किसने खाई है किससे मात कहो