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"कोशिश / मुकेश प्रत्‍यूष" के अवतरणों में अंतर

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22:20, 25 अगस्त 2016 के समय का अवतरण

तुम
हमेशा अकेली नजर आती हो
भट्ठी में फूलती
एक अदद रोटी की तरह
जिसे पाने के लिए
उगाता रहा हूं मैं
अपनी हथेलियों पर
- अनगिनत छाले
काफी बचपन से