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"मेरे हक़ में भी , डाल दे मुझको / दीपक शर्मा 'दीप'" के अवतरणों में अंतर

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22:07, 16 सितम्बर 2016 का अवतरण

 
मेरे हक़ में भी , डाल दे मुझको
या तो ढँग से निकाल दे मुझको I

इस तरह मुझको मौत आएगी ?
और गहरा मलाल दे मुझको I

अपने गिरने की ज़िम्मेदारी ली
यकदफ़ा बस उछाल दे मुझको I

कुछ न कुछ तो कमाल निकलेगा
ले ! पकड़कर खँगाल दे मुझको I

उसकी मरज़ी है 'दीप' दे झटका
या कि सूरत-हलाल दे मुझको I